Saturday, February 21, 2009
Songs I Have Loved - अंखियों के झरोखों से !!
आज का गीत है - "अंखियों के झरोखों से"
फ़िल्म : अंखियों के झरोखों से
एक्टर्स : सचिन
अच्त्रेस्सेस : रंजीता
डिरेक्टर : हिरेन नाग
प्रोदुसर्स : ताराचंद बर्जत्य
संगीतकार : रविन्द्र जैन
प्रोडक्शन इयर : १९७८
गायिका : हेमलता
गीतकार : रविन्द्र जैन
यह गीत "अंखियों के झरोखों से " फ़िल्म "अंखियों के झरोखों से " का है और इसका प्रोडक्शन राजश्री ने किया है . इस गीत को रबिन्द्र जैन ने गीत और संगीत दिया है . रबिन्द्र जी के गीत में प्यार की इतनी गहराई है जीतनी की मुस्किल से कभी औरों के गीत में मिले . यह गीत ह्रदय को झंकृत कर जाता है , यह अन्दर तक प्यार की खुशबू से मन को भर देता है .इस गीत को रबिन्द्र जैन से अच्छा कोई नही लिख सकता . इस गीत का एक एक शब्द प्यार की गहराई से आ रहा है , जो आपके मन को छु जाता है , मुझे एन गीतों से प्यार है . इस गीत को सुनकर मन जैसे शांत हो जाता है . जैसे मन कही गीर जाता है इस गीत से रविन्द्र जी की कल्पना की गहराई का पता चलता है .
प्यार में ऐसा ही होता है , ऐसा लगता है जैसे जीवन का यह उत्सव कभी ख़त्म ना हो , यह ऐसे ही चलता रहे . यह गीत आपको किसी और ही दुनिया में ले जाता है , जो दुनिया प्यार की है , स्नेह की है , समर्पण की है .इस गीत को सुन कर मन में एक समर्पण का भाव उभर आता है , पूर्ण समर्पण का जो प्यार का मूल तत्त्व है
कहते है स्त्री जब भी प्रेम करती है वह परमात्मा से कम नही मानती , प्यार का प्रतिती ही यही है की जिसको प्यार किया परमात्मा से कम जाना ही नही , परमात्मा से कम देखा ही नही . स्त्री का स्वभाव ही प्रेम है .स्त्री के लिए प्रेम मुक्ति है , स्त्री के लिए प्रेम अमृत है .
मै जब भी इस गीत को सुनता हूँ , मै बहुत दूढता हूँ इस गीत की तुलना किसी चीज से करू ,पर प्यार की इतनी गहरी फेल्लिंग्स के लिए मै कोई शब्द नही ढूंढ पाता, शिर्फ़ भावों में डूब कर इस गीत का आनन्द लेता हूँ..
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
10 comments:
गीत के साथ फ़िल्म, गीतकार,संगीतकार और गायक का नाम दे कर आपने अच्छा काम किया है.
देव भाई बहुत अच्छा लगा यह सब, चल चित्र के संग सं पुरी डिटेल .
धन्यवाद
Yah geet mujhe bhi bahut pasand hai.
es song ka maja dugunaa kar diya aapke, es gaane ke baare me etni jankari di.
मुझे याद है ये फ़िल्म भी और ये गीत भी...........
शुकरिया गीत और इसकी जानकारी का
गीत के साथ इसकी जानकारी देकर इसे और भी रोचक बना दिया। अच्छी कड़ी शुरू की है।
महावीर शर्मा
yah geet mujhe bhi bahut pasand hai.
हिन्दी साहित्य .....प्रयोग की दृष्टि से
mqaza aagaya
देव जी केसे हैं आप कई दिन से आप्से मुलाकात नहीं हो पाई आज सुबह से ही सोच रही थी कि आज आप्के ब्लोग पर जाऊँगी
बहुत ही अच्छा गीत है मैने ये फिल्म 5 बार देखी थी इस सुन्दर गीत के लिये धन्य्वाद्
आज ही आपके ब्लॉग पर ये गीत देखा और सुना.....ये मुझे इतना पसन्द है की इस गीत की वजह से जाने कितनी बार य फिल्म देखि है , आज फिर यहाँ गीत का विडियो देख कर फिल्म याद आ गयी...आभार..
Regards
Post a Comment