Monday, August 18, 2008

भूले ना वो पल


कितनी थी बातें कहने को तुमसे
तुम कुछ कहे ना , ना हम कह पाए ,
चलना था हमको मिलकर संभलकर
दो पग चले थे फिर चल ना पाए ,
कितने सुनहरे ख्वाब थे अपने
देखा जो सपने सच कर ना पाये ,
बीत गए गर पल वो तो क्या है
मीत मेरे , तुम्हे हम भूल ना पाये,
तुम्ही बताओ कैसे मै भूलूँ
भूले न वो पल बुले भुलाये ......

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