Friday, December 19, 2008

मैंने प्यार किया !!


तुम जो भी हो मै नही जानता
मै तो केवल इतना जनता हूँ
की तुम मेरी सांसें हो , धड़कन हो ।
माना की तुम मुझसे बहुत दूर हो
किंतु तुम मेरे बहुत पास हो
जितना की मै ख़ुद नही ।
तुम बन चुकी हो यादें मेरी
बस गई हो दिल की बस्ती में ऐसे
की ढूढना चाहा तो ख़ुद खो गया उसी में ।
बस चाहत है तुमसे
की मिल जाओ मुझसे ऐसे
जैसे दो चाहत आत्माए हो ।
मैंने चाहा तुम्हे यह खुस्किस्मती है मेरी
मैंने चाहा क्या ?
ये नज़ारे तो खुदा ने बनाई ही है
की बस तुम्हे dekhata rhoo ।
तुम्हारे नजदीक रह के
कह न सका मै तुमसे
की किसी को चाहना
और चाहत का इजहार
न कर पाना ही शायद प्यार है
तो हां मैंने प्यार किया तुमसे , सिर्फ़ तुमसे ।

2 comments:

राज भाटिय़ा said...

बहुत ही सुंदर भाव, सुंदर कविता.
धन्यवाद

Kim Simon said...

This blog is great source of information which is very useful for me. Thank you very much.

BEST LOVE POEMS FOR MOTHER.