Wednesday, September 17, 2008
दिल ने किया प्यार तुमसे !
मैंने नही प्यार तुमसे किया है
दिल ने किया प्यार तुमसे
मैंने तो दुनिया की बातें थी मानी
किसी की न माना इसी ने ।
मै तो कभी तेरे दर पे झुका ना
सजदा किया है इसी ने ।
मै तो अकड़ता रहा उमर भर
समर्पण किया है इसी ने ।
मै तो कंकड़ था राहों में जैसे
बस हीरा किया है इसी ने
तेरी मुहबत का अमृत पिला कर
मुझको जीवन दिया है इसी ने ।
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1 comment:
तेरी मुहबत का अमृत पिला कर
मुझको जीवन दिया है इसी ने ।
with these lines the poem reaches at the peak of emotions and feelings.
very good
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